मैं करीबन दो साल पहले भारत गया। मैं पूणे में रहता था। मुझे भारत घूमने में बहुत मज़ा आया। रोज़ कक्षाओं के बाद मैं अपनी माँ के साथ बाज़ार जाता था। मैं अपने अनुभव के बारे में बताऊँगा।
भारत आने के पहले मुझे पता नहीं था कि लोग कितना व्यस्त हो सकते हैं। न सिर्फ बाज़ारों में लोग चिल्ला रहे थे परंतु रास्ते पर भी पगलपन था। यह दोनों अनोखा और खतरनाक है। मेरी माँ सिर्फ मोटर साइकल चलाती थी। भीड़ वाले रास्ते में हम हवा से बातें करते थे। मुझे इससे गाड़ियों और लोगों की आवाज़ सुनना दी।
कुछ समय के बाद हम बाज़ार पहुँचे। यह भी एक निराला अनुभव था। यहाँ लोग बहुत व्यस्त थे। लोग निरंतर बिक्री करना चाहते थे और मैंने सौदा करने का हुनर सीखा। मेरी माँ मुझसे और अच्छी थी। उन्हें इतने सस्ते में चीज़ें खरीदी। चीज खरीदकर हमें घर जाना पड़ा। इसके पहले हम कुल्फी के लिए रुके। मुझे कुल्फी की स्वाद बहुत पसंद आयी।
मुझें भारत बहुत पसंद आया और मुझे आशा है कि मुझे कई बार भारत आने का मौका मिलेगा।