नमस्ते बच्चों,
मुझसे बात करने के लिए धन्यवाद, आप लोग मेरी टूट फूटी हिंदी को बहुत धैर्य के साथ सुनते और परते हैं। मुझे उम्मीद है के एक दिन मैं आप लोगों से मिलूंगा। मुझे यह पसंद है कि आप लोग हमेशा मुझे बहुत सारे सवाल पूछते हैं। अगर हम सब एक दूसरे से सवाल पूछेंगे तभी तो एक दूजे के बारे में जानेंगे | दुनिया में जितनी भी हिंसा है उसका कारन है की हम एक दूसरे के बारे में बात तो करते है पर एक दूसरे 'से' बात नहीं करते | जब हम दूसरों के बारे में बिना जाने अपनी राय बना लेते है तो वहीँ से समस्याओं की जर शुरू होती है | एक पड़े लिखे मनुष्य का कर्त्तव्य और अधिकार है सवाल करना, हर चीज़ को सवाल से परखो और फिर अपनी राय बनाओ | कई गलत लोग तुम्हे सवाल करने से रोकेंगे पर इसका मतलब यह नहीं की तुम चुप हो जाओ | जितना सवाल करोगे उतना जानोगे और उतनी ही सही गलत की पहचान होगी और यह दुनिया शान्ति और सद्भाव से रहना सीखेगी।
एक और बार, धन्यवाद इस खास मौके के लिए। फिर मिलेंगे |